BJP BJD Alliance,ओडिशा में बीजेपी-बीजेडी में क्यों नहीं बनी गठबंधन की बात, जानें पूरी इनसाइड स्टोरी – bjd bjd contest solo in odisha polls why naveen patnaik pm modi break ties know inside story

[ad_1]

​क्यों नहीं हुआ गठबंधन?​

​क्यों नहीं हुआ गठबंधन?​

बीजेडी के महासचिव (संगठन) प्रणब प्रकाश दास ने भी सोशल मीडिया पर अकेले लड़ने की पार्टी की योजना की घोषणा की, लेकिन उन्होंने बीजेपी की आलोचना करने से परहेज किया। बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि दो कारण है, जिसके कारण बीजेपी और बीजेडी का गठबंधन नहीं हो पाया। एक कारण यह कि बीजेडी जो सीटें बीजेपी को दे रही थी, उसे लेकर बीजेपी संतुष्ट नहीं थी। दूसरा कारण यह था कि बीजेपी का यह फैलाना कि बीजेडी गठबंधन की इच्छुक है।

​बीजेपी ने कराया सर्वे​

​बीजेपी ने कराया सर्वे​

BJP ने कहा कि हमें 21 लोकसभा सीटों में से 11 सीटों की पेशकश की गई थी, जबकि स्वतंत्र विश्लेषकों का कहना है कि हम अपने दम पर कई और सीटें जीत सकते हैं। इसी तरह, विधानसभा में, वे हमें 35-40 सीटों तक सीमित करना चाहते थे, जब हमारे आंतरिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि हम 147 सदस्यीय सदन में बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं। बीजेपी ने पाया कि अगर वह बीजेडी के साथ गठबंधन करती है तो वह अपने अब की बार 400 पार के लक्ष्य से पीछे रह सकती है।

​उड़िया अस्मिता पर फोकस​

​उड़िया अस्मिता पर फोकस​

बीजेपी ओडिशा में अपनी परियोजना के मूल्यांकन के साथ-साथ एक ‘उड़िया अस्मिता’ पट्ट तैयार कर रही है। ओडिशा में अगले मुख्यमंत्री के तौर पर वीके पांडियान का नाम आगे चल रह है। वीके पांडियान तमिलनाडु से आते हैं। इन्हें लेकर बीजेपी उडिया अस्मिता का इश्यू उठा सकती है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हम उड़िया अस्मिता पर समझौता नहीं कर सकते।’

​बीजेपी ने मनाया जश्न​

​बीजेपी ने मनाया जश्न​

गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के दिनों से दोस्त रहे नवीन पटनायक ने महत्वपूर्ण विधेयकों पर खींचतान के दौरान राज्यसभा में संख्या की कमी से निपटने में बीजेपी की मदद की। भाजपा की घोषणा को पार्टी की राज्य इकाई के लिए एक नैतिक जीत के रूप में देखा गया क्योंकि सामल ने कई मौकों पर कहा था कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का जश्न मनाने के लिए राज्य भाजपा कार्यालय में पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी।

​पिछले चुनाव पर नजर​

​पिछले चुनाव पर नजर​

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेडी ने 12 लोकसभा सीटें जीती थीं। वहीं बीजेपी को 8 सीटों पर जीत मिली थी। ऐसी खबरें थीं कि पीएम मोदी और नवीन पटनायक के बीच सौहार्द को देखते हुए दोनों पार्टियां 2024 के चुनाव के लिए हाथ मिला सकती हैं। पिछले कुछ वर्षों में भाजपा को राज्य में काफी लाभ हुआ है और वह मुख्य विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस को हटाने में सफल रही है। इस बीच छह बार कटक के सांसद रहे भर्तृहरि महापात ने यह कहते हुए बीजेडी से इस्तीफा दे दिया कि ओडिशा में जिस तरह की राजनीति चल रही है और जिस तरह से बीजेडी काम कर रहा है, वहां मेरा दम घुटने लगा था।

[ad_2]

Source link